अपना देश ही अपना घर अपना देश ही अपना घर
ऐसा लगा जैसे आसमां को जमीं, से मोहब्बत हुई। ऐसा लगा जैसे आसमां को जमीं, से मोहब्बत हुई।
हाथ फिर उसका अँधेरे से रौशनी दिखाने आता है। हाथ फिर उसका अँधेरे से रौशनी दिखाने आता है।
तुमसे कभी ना बिछड़े ये फरियाद करते है क्यों परदेस चले गए हो तुम तुमसे कभी ना बिछड़े ये फरियाद करते है क्यों परदेस चले गए हो तुम
शीर-खुरमा हो या गुलाब-जामुन, दोनों व्यंजन कमाल है, मैं इंसान, तू इंसान, दोनों में लहू ल शीर-खुरमा हो या गुलाब-जामुन, दोनों व्यंजन कमाल है, मैं इंसान, तू इंसान, दोनों...
मेरा पहला दिन स्कूल का याद है मुझे रोते बिलखते डर कर सहम कर गया था वहा मैं स्कूल , या मेरा पहला दिन स्कूल का याद है मुझे रोते बिलखते डर कर सहम कर गया था वहा मैं...